शोध और डॉक्टर्स की माने तो कोरोना वैक्सीन का दोनों डोज़ लेने के बाद मनुष्यो की कोरोना संक्रमण से मरने की सम्भावना बहुत कम रह जाती है। शायद इसी उद्देश्य से कठनपुरा गांव निवासी 51 वर्षीया सुशीला देवी ने वैक्सीन का पहला डोज़ ली थी पर नियती को कुछ और ही मंजूर था। इससे पहले की वह दूसरा टिका का डोज़ भी ले पाती मौत ने उन्हें लील लिया।
घटना का ज़िकर करते हुए सुशीला के पति रिटायर आर्मी दिनेश प्रसाद सिंह ने बताया की इसी महीना में उन्होने वैक्सीन का पहला डोज़ ली थी।
सप्ताह के बाद ही मेरी पत्नी को बुखार आगया था, गांव के चिकित्सक से इलाज़ करवाया, स्थिति में सुधर होने के कारण बिहारशरीफ के निजी क्लीनिक में भर्ती कराया गया। डॉक्टर ने छाती का एक्सरे कराने की सलाह दी जिसमे निमोनिया लक्षण था।
जब वहां भी हालात में सूधार नहीं पाया गया तो बिहारशरीफ के अन्य निजी हॉस्पिटल ले जाया गया। वह पता चला की निमोनिया के साथ साथ ऑक्सीजन में भी कमी है। आनन फानन में 17 अप्रैल को पावापुरी विम्स में भर्ती कराया गया पर 18 अप्रैल को ही 51 वर्षीया सुशीला देवी की मौत होगयी।
दुखद बात यह थी १९ अप्रैल को महिला कोरोना रिपोर्ट आयी जिसमे उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव थी।
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