किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी मानवेंद्र मिश्र ने गैंगरेप मामले में दो आरोपी किशोर को दोषी करार दिया था। किशोर न्याय अधिनियम के तहत अधिकतम तीन तीन साल की सजा का प्रावधान है।
इंटर परीक्षा में अच्छे नंबर लाने के कारण दोषी किशोर को सजा की शर्तों में विशेष छूट दी गई है। अब किशोर को पटना विशेष गृह नहीं भेजा जाएगा। वो बिहारशरीफ के पर्यवेक्षण गृह में रहकर ही अपनी आगे की पढ़ाई पूरी कर सकेगा।
बताते चले दोषी किशोर सजा काटते हुए इंटर की परीक्षा की तयारी की थी और परीक्षा में 70 प्रतिशत अंक प्राप्त किया था।
सुनवाई के दौरान किशोर ने कोर्ट में इंटर साइंस में 70 फीसदी अंक लाने का प्रमाण पत्र सौंपा था। उसने नालंदा कॉलेज से आगे की पढ़ाई जारी रखने की इच्छा जताई थी। किशोर की प्रतिभा को देखते हुए जज ने उसके बेहतर भविष्य के लिए उसे बिहारशरीफ पर्यवेक्षण गृह में रहने की इजाजत दे दी है। साथ ही बीएससी की पढ़ाई जारी रखने की छूट दे दी।
जज ने किशोर के आग्रह पर पर्यवेक्षण गृह के अधीक्षक को उसका दाखिला नालंदा कॉलेज में कराने और कोर्स बुक, कॉपी, कलम की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। किशोर को पिछले साल 22 मई से ही पर्यवेक्षण गृह में रखा गया था। पिछले हफ्ते आए रिजल्ट में उसे 70 प्रतिशत अंक मिले हैं। प्रदर्शन को देखते हुए जज ने उसके भविष्य की खातिर बिहारशरीफ पर्यवेक्षण गृह में रहते हुए पढ़ाई जारी रखने की अनुमति दे दी।
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