यह तो सच है की कोरोना ने इंसान को कई गहरे जख्म देरहा है साथ ही इंसानियत और रिश्तेदारों की झूटी मुहब्बते को भी उजागर कर रहा है।
ताजा मामला शेखपुरा का है जहा एक अधेड़ व्यक्ति की मौत कोरोना से होगयी थी। अस्पताल वालो ने घरवालों से शव ले जाने को कहा पर उनलोगो ने साफ़ इंकार दिया। बताते चले उनके परिवार में तीन भाई और कई भतीजे हैं। चूँकि उनका बेटा पहले से अस्पताल में भर्ती है क्योंकि वह कोरोना पॉजिटिव है और हालत ख़राब थी।
चकदिवान के अरुण कुमार गुप्ता का शव १२ घंटे तक ऐसे ही अस्पताल में पड़ा रहा। अंतिम में उनके बीमार पुत्र और सफाई कर्मचारी के सहयोग से उनका अंतिम संस्कार जैसे तैसे किया गया।
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