क़ानूनी प्रकिर्या में देर जरूर होता पर न्याय मिलता है यह बात एक बार फिर सच सामने हुई।
गढ़पर के निवासी विशाल उर्फ़ मोनू को नाबालिग लड़की से छेड़खानी के मामले में दोषी करार, आशुतोष कुमार, नालंदा के पष्ठंम एडीजे सह पाक्सो स्पेशल न्यायधीश, ने ३ साल कैद की सजा सुनाई।
बताते चले की छेड़खानी के समय लड़की नाबालिग थी और उसकी उम्र 15 साल थी , फैसला के समय छेड़खानी की शिकार लड़की जकी उम्र २३ साल होगया है।
घटना 25 मार्च 2014 का है, जब पीड़िता अपने घर से टूशन के लिए निकली थी।
जब पीड़िता घर वापस नहीं आयी तो खोजबीन के दौरान यह पता चला की उसे विशाल नामक लड़का ने बहला फुसलाकर अपने साथ दिल्ली लेकर भाग गया है।
6 दिन बाद अर्थार्थ 31 मार्च 2014 को पीड़िता अपने माता के साथ खुद थाना पहुंचकर लिखित शिकायत दर्ज़ कराई। कोर्ट में पीड़िता ने अपने साथदुर्व्यब्हार की घटना से तो इंकार किया परन्तु छेड़खानी के बात कही जिसे कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सही पाया। दोषी मोनू को धरा 354 बी तथा पाक्सो अधिनियम के तहत 1 और 3 साल की सजा सुनाई।
0 comments: