मुसलमानो के लिए रमज़ान का महीना काफी पवित्र होता है, दिन में रोजा रखा और रात में तरावीह पढ़ा जाता है। तरावीह में हाफीज़ (जिसे पूरा कुरान शरीफ याद होता है ) कुरान शरीफ को मुकम्मल करता है। चूँकि अभी सभी धार्मिक संसथान बन्द है इसलिए मुस्लमान भाई 5-10 की संख्या में घरो में तरावीह का एहतेमाम कर रहे है। आज बिहारशरीफ के सोहसराय महुआ टोला स्थित एक घर में क़ुरान शरीफ मुकम्मल हुआ, सबसे खुशी वाली वाली बात यह थी हाफिज 13 साल का मो. उम्र सिद्दीकी है ।
तरावीह पढ़ने वाले लोगो ने बताया की 13 वर्षीय हाफिज मो. उम्र सिद्दीकी ने पूरा क़ुरान शरीफ फ़क़त १० दिन में मुकम्मल किया है। नन्हे हाफीज़ की आवाज़ में काफी मिठास है। लोग हाफिज साहब की खूब तरक्की करने की दुआ देरहे है।
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